Monday, June 18, 2012

ख्वाबो की वो रानी!

रोज रात को पलकों के नीचे,
ख्वाबो में उनसे मुलाक़ात होती है,
दिल कुछ पल के लिए
रूमानियत से परिपूर्ण हो जाता है.
उसके स्वछ ,उज्जवल आँखों से
अपरिमित प्यार उमड़ पड़ता है,
सफ़ेद उस परिधान में बिलकुल मेनका सी प्रतीति,
उसकी मृदुल आवाज मुझे
जन्नत का सैर करा देती है,
प्यार से मेरी पीठ पर एक
हल्की सी थपकी लगा देती है,
वह सुन्दरता की देवी है,
शीतलता की प्रतिबिम्ब !
नित रातो को ख्वाबो में
मुलाक़ात होती है.
उसकी छरहरी काया से
लिपटे वो परिधान भी काफी कीमती जचते,
मै निश्चय ही आश्चर्य से
उसे निहारता रह जाता हू,
अपलक! सुबह होने तक!

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